जन्म और मृत्यु का पंजीकरण

जन्म प्रमाण-पत्र एक तरह से आधिकारिक दस्तावेज है, जो किसी भारतीय नागरिक की पहचान को बनाए रखता है। दूसरी ओर मृत्यु प्रमाणपत्र एक आधिकारिक दस्तावेज है जो, किसी भी व्यक्ति को मृत घोषित करता है, और सामाजिक, कानूनी और वित्तीय दायित्वों से उसके सभी अभिलेखों को सिरे से समाप्त करता है। इसके साथ ही, जन्म प्रमाणपत्र ऐसा आधिकारिक दस्तावेज है जो, किसी व्यक्ति विशेष को उसके अधिकारों को दिलाने में मदद करता है (जो हमारा देश का कानून हमे देता है)। वहीं दूसरी ओर मृत्यु प्रमाणपत्र मृत व्यक्ति के परिजनों को प्रॉपर्टी अधिकारों और विभिन्न योजनाओं के लाभ और अन्य कार्यों को पूरा करने में मदद करता है। स्पष्ट रूप से किसी व्यक्ति विशेष के लिए जन्म और मृत्यु पंजीकरण दोनों ही आवश्यक प्रक्रियाएं हैं, जो कि किसी के भारतीय होने का प्रमाण होता है।

जन्म पंजीकरण के लाभ

जैसा की ऊपर बताया गया है कि जन्म प्रमाणपत्र एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। किसी भी व्यक्ति विशेष की अस्तित्व को साबित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है। आरबीडी अधिनियम के अनुसार, एटा नगर पालिका परिषद में रजिस्ट्रार को यह निर्देश है कि मुफ्त प्रमाणपत्र दिये जाएंगे, जो की जन्म के 21 दिन के भीतर दी जानी चाहिए।

मृत्यु पंजीकरण के लाभ

जन्म प्रमाणपत्र की तरह ही, किसी व्यक्ति विशेष के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र भी जरूरी है, जो किसी की मृत होने का प्रमाण होता है। मृत्यु प्रमाणपत्र के जरिए, मृत के परिजनों को भी लाभ प्राप्त होता है, जैसे प्रॉपर्टी क्लेम और अन्य वैधानिक दायित्वों को बंद करने में मदद प्राप्त होती है। उत्तर प्रदेश में आरबीडी अधिनियम के अनुसार, मृत्यु प्रमाणपत्र क्षेत्रीय निकायों द्वारा दिया जाता है, जो कि नगर निगम, म्युन्सिपालिटी और पंचायत द्वारा दिया जाना चाहिए, जो कि आवेदन प्रपत्र प्राप्त होने के 7 दिन के भीतर दी जानी चाहिए। इसके बाद रजिस्ट्रार पूछताछ करने के बाद केस को रजिस्टर करता है और प्रमाण पत्र दे देगा।

प्रमाणपत्र जारी करना

आरबीडी अधिनियम के अनुसार नामित रजिस्ट्रार का यह दायित्व होता है कि वह जन्म या मृत्यु प्रमाणपत्र को जारी करे। यूएलबी में, आमतौर पर आयुक्त/स्वास्थ्य अधिकारी को यह अधिकार दिया जाता है। आरबीडी अधिनियम क्षेत्रीय निकायों (नगर निगम / नगर परिषद / नगरपालिका समिति) को यह निर्देश देता है कि 3 कार्य दिवस के भीतर (आवेदक द्वारा जन्म/मृत्यु पंजीकरण के बाद) प्रमाणपत्र को जारी करे, वो भी बिना किसी शुल्क के। हालांकि नगर पालिकाएं पंजीकरण लेमिनेशन के 10 से 20 रुपए तक का शुल्क लेती हैं।

प्रमाणपत्र जारी कराने के लिए जरूरी दस्तावेज

प्रमाणपत्र जारी कराने के लिए निम्न दस्तावेज जरूरी होते हैं

  • उस व्यक्ति के जन्म / मृत्यु का सबूत जिसके बारे में प्रमाण पत्र आवश्यक है।
  • विलम्ब (30 दिन से अधिक) पंजीकरण की स्तिथि में, एक एफेडेविट की आवश्यकता, जिसमे व्यक्ति के जन्म/मृत्यु की जगह, दिनांक और समय उल्लिखित हो।
  • राशन कार्ड की एक प्रति।
  • सभी दस्तावेज किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित होने चाहिए।

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